Monday 7 February 2022

हिन्दी कहानी: (संगति का असर)

कहानी:  (संगति का असर) 

राम – श्याम दो भाई थे , दोनों एक ही विद्यालय में पढ़ा करते थे और यहां तक कि एक ही कक्षा में। किंतु राम पढ़ने में होनहार था | वही उसका भाई श्याम पढ़ने से बचता था , और ना पढ़ने के ढेरों बहाने ढूंढता था। राम के दोस्त पढ़ने वाले थे और श्याम के दोस्त ना पढ़ने वाले और काम चोरी करने वाले  थे।

राम अपने भाई श्याम को उन दोस्तों से बचने के लिए कहा करता , मगर श्याम उसे डांट लगा देता और कहता अपने काम से काम रखा करो। श्याम के दोस्त घर से स्कूल जाने के लिए निकलते और रास्ते में कहीं और चले जाते।


कभी पार्क में बैठते , कभी जाकर कहीं खाना-पीना करते , और कभी फिल्म देखा करते थे।

श्याम भी उनकी संगति में आ गया और वह भी धीरे-धीरे स्कूल जाने से बचता रहता।

श्याम भी उन दोस्तों के साथ बाहर में खाना – पीना और घूमना करता।

राम उसके इस प्रकार की धोखाधड़ी से बहुत चिंतित था। श्याम से  परीक्षा में फेल होने की बात भी कही मगर श्याम ने  नहीं माना। एक दिन की बात है श्याम स्कूल जा रहा था ,  उसके दोस्त मिल गए और उन्होंने कहा आज स्कूल नहीं जाना है। हम सभी अपने दोस्त हरि का जन्म दिवस मनाएंगे और बाहर खाना – पीना करेंगे और खूब मजे करेंगे। पहले तो श्याम ने मना किया किंतु दोस्तों के बार-बार बोलने पर वह उनके साथ चला गया।  श्याम और उसके मित्रों ने खूब पार्टी करी और उस दिन स्कूल नहीं गये।  इस प्रकार का काम वह और उसके दोस्त निरंतर करते रहते।

परीक्षा हुई जिसमें श्याम और उसके दोस्त सफल नहीं हो पाए वह फेल हो गए।

राम ने इस बार भी और बार की तरह प्रथम स्थान प्राप्त किया।

श्याम अपने घर मार्कशीट लेकर गया जिस पर उसके माता-पिता ने देखा और बहुत उदास हुए। उन्हें उदासी हुई कि एक मेरा बेटा इतना अच्छा पढ़ने में है और दूसरा इतना नालायक। श्याम किसी भी विषय में  पास नहीं हो पाया।श्याम के माता -पिता को  बहुत दुखी हुई उन्होंने किसी से कुछ नहीं कहा मगर अंदर ही अंदर वह बहुत दुखी होते रहे।

उन्होंने सोचा कि अब मैं दूसरे लोगों को क्या बताऊंगा कि मेरा बेटा एक भी विषय में पास नहीं हो पाया। इस प्रकार माँ – पिताजी को  श्याम ने  बहुत चिंतित वह दुखी देखा जिस पर उसे भी दुख हुआ। श्याम ने अपने मां-बाप को भरोसा दिलाया कि मैं अगली परीक्षा में सफल होकर दिखायेगा।

श्याम ने अपने उन सब दोस्तों को छोड़ दिया जिन्होंने उसकी सफलता में उसका मार्ग रोका था।

उन सभी छल और कपट करने वाले दोस्तों को छोड़कर अपनी पढ़ाई में ध्यान लगाया। नतीजा यह हुआ कि साल भर की मेहनत से वह परीक्षा में सफल ही नहीं अपितु विद्यालय में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया। इस पर उसके माता – पिता को बहुत खुशी हुई है और अपने पुत्र श्याम को गले से लगाया उन्हें शाबाशी दी।

श्याम को पता चल गया था कि जैसी संगति मिलेगी वैसा ही परिणा मिलेगा।

नैतिक शिक्षा –

जैसी संगति में रहते उससे वैसा ही गुण  आता है।

अर्थात अच्छी संगति का संगत करना चाहिए।


No comments:

Post a Comment

American Revolution

American Revolution The  American Revolution  was an ideological and political revolution that occurred in British America between 1765 and ...